ऋषि चौहान
एटा। बीते 18 दिन के लंबे इंतजार के बाद
मतगणना के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सभी दल अपने-अपने तरीके से तैयारियां कर रहे हैं। ओपिनियन पोल आने के बाद भाजपा जश्न मनाने की तैयारी में है तो सपा ज्यादा से ज्यादा खट्टी करके दबाव बनाने की कोशिश में है। जीत के लिए सब अपनी अपनी ताल ठोक रहे हैं, लेकिन 18 दिन से रूम में बंद फैसला गुरुवार को निकलेगा। इसी का इंतजार एटा और कासगंज दोनों जनपदों की 7 विधानसभा सीटों को है।
चुनावी नजारे अलग-अलग हैं। एटा की जलेसर, मारहरा, अलीगंज, एटा, सदर सीटों पर टकटकी लगी है। कासगंज की अमापुर, कासगंज और पटियाली सीटों पर लोगों की निगाहें हैं। ओपिनियन पोल से उत्साहित भाजपा अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है तो उसके नेता द्वारा कराए गए सर्वे से भी उत्साहित है। भाजपा के सर्वे में अधिकांश सीटें भाजपा ही जीत रही है, लेकिन सर्वे से विपक्षी दल सपा में बेचैनी बढ़ गई है। कल शाम लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मंडी स्थल पर हजारों सफाई एवं की सुरक्षा के नाम पर एकत्रित हैं । आज एक नेता ने तो प्रेस वार्ता करके चारों विधानसभा क्षेत्रों के अधिकाधिक लोगों को मंडी स्थल पर आने की दावत दी है। उधर पुलिस कप्तान उदय शंकर सिंह ने बताया कि पुलिस प्रशासन अर्धसैनिक बलों और पीएसी की सुरक्षा को लेकर बहुत चौकन्ना है। इसलिए जिले में धारा 144 लगा दी गई है तो विपक्षी दल 38 साल पुराने इतिहास को दोहराने की कोशिश में है।
यह बताने की जरूरत नहीं की 38 साल पहले 1984 में लोकसभा चुनाव की मतगणना के मौके पर प्रेंटिस गर्ल्स इंटर कॉलेज के बाहर कांग्रेस के मुशीर मियां अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे। वही लोकदल प्रत्याशी महफूज अली और प्यारे मियां के समर्थन में तत्कालीन पूर्व विधायक लटूरी सिंह यादव दबाव बनाने की कोशिश में थे। इसी बीच भीड़ में किसी ने गोली चला दी और प्रशासन दंग रह गया। उपचुनाव में एटा से लोकदल प्रत्याशी प्यारी मियां जीते थे। पूरी यूपी में चुनाव में लोकदल बागपत और एटा की 2 सीटें जीता था।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव कि कल लखनऊ में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के मायने समझे भी जा सकते हैं। बताते हैं कि पिछले 2017 के चुनाव में 40 से 50 सीटें ऐसी थी जहां बीजेपी 5000 के आसपास मार्जिन से जीती थी। कम अंतर से जीती गई सीटों के लिए दबाव की रणनीति बनाने की तैयारी की जा रही है, ताकि सपा अपनी खोई हुई सत्ता पा सके। चुनाव परिणाम को लेकर लड़ाई झगड़े की आशंकाएं हैं।
देखना है गुरुवार को होने वाली मतगणना में होली किसकी मनेगी और मातम कौन मनाएगा? हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभाओं में होली 10 मार्च को मनाने की अपील की है। देखना है किसके दावों में कितना दम है।