-पीयूष गौतम-
यूपी विधानसभा चुनाव के पांच चरण पूरे हो चुके हैं। हरेक चरण में जनता के मूड अलग-अलग दिखे। ऐसे में तमाम राजनीतिक दलों की पेशानी पर बल पड़ते दिख रहे हैं। वैसे तो चुनाव का पैटर्न कमोबेश वर्ष 2017 वाला ही है। लेकिन उस समय से अबकी बार परिस्थितियां अलग हैं। तब समाजवादी पार्टी सरकार के खिलाफ वोट करने के लिए बड़ी संख्या में लोग मतदान केंद्रों पर पहुंचे थे। इस बार भाजपा सरकार के खिलाफ भले ही एंटी इनकंबैंसी जैसी स्थिति कम ही दिख रही हो लेकिन स्थानीय विधायकों के खिलाफ लोगों में गुस्सा काफी है। यही कारण है कि इस बार भाजपा पूरी तरह से पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के बलबूते ही मैदान में है। हालांकि सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या ये दोनों नेता भाजपा की नैया इस बार भी पार लगा पाएंगे या नहीं?
विधायकों के खिलाफ गुस्सा ऐसा है कि पार्टी नेताओं को नाराज मतदाताओं को मनाने के लिए तेल मालिश तक करनी पड़ रही है। मामला सीधे मोदी-योगी तक न पहुंचे, इसकी कोशिश करते विधायक दिख रहे हैं। पूर्वांचल में विधायकों के खिलाफ नाराजगी के मामले बड़ी संख्या में सामने आए हैं। भाजपा की ओर से कराए गए अंदरूनी सर्वे में भी यह मामला सामने आया था। इसके बाद 100 से अधिक वर्तमान विधायकों के टिकट काटने की तैयारी चल रही थी। यह संख्या कुल विधायकों का करीब 30 से 35 फीसदी तक होने की बात कही जा रही थी। लेकिन, स्वामी प्रसाद मौर्य के पाला बदलने और उसके बाद बने राजनीतिक माहौल में भाजपा इस प्रकार के कड़े फैसले नहीं ले पाई। इस वजह से चुनावी मैदान में पार्टी को विधायकों के स्थान पर पार्टी की टॉप लीडरशिप के चेहरे को आगे करना पड़ रहा है।
गोंडा जिले के मनकापुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार रमापति शास्त्री को पिछले दिनों जनता के विरोध का सामना करना पड़ा है। क्षेत्र की जनता का कहना है कि वर्ष 2017 में जीत के बाद एक बार फिर चुनाव काल में ही विधायक के दर्शन हो रहे हैं। सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज विधानसभा के विधायक और भाजपा के प्रत्याशी भूपेश चौबे के प्रचार का अलग अंदाज सामने आया है। पहले वे भरी सभा में कान पकड़कर उठक-बैठक कर माफी मांगते दिखे और बाद में् वो मतदाता की तेल मालिश करते नजर आए हैं।
भाजपा विधायकों के खिलाफ लोगों के बीच काफी नाराजगी देखी गई है। सिकंदराराऊ से विधायक और भाजपा उम्मीदवार वीरेन्द्र सिंह राणा को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने उनका पुतला फूंका। कुछ इसी प्रकार की नाराजगी खतौली विधायक विक्रम सैनी को झेलनी पड़ी। मुनव्वरपुर गांव के चौपाल में पहुंचे विधायक के खिलाफ लोगों ने नारेबाजी कर दी। उन्हें वहां से पैदल ही निकला पड़ा था। सिराथू सीट से भाजपा उम्मीदवार केशव प्रसाद मौर्य को अपने घर में विरोध का सामना करना पड़ा। डिप्टी सीएम के खिलाफ महिलाओं ने नारेबाजी कर दी थी। मुजफ्फरनगर के पुरकाजी सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रमोद ऊंटवाल का भी काफी विरोध हुआ था। मथुरा की बलदेव सीट पर फिर से मौजूदा विधायक पूरन प्रकाश को उतारा गया है। टिकट मिलने के बाद जब वे अपने विधानसभा क्षेत्र के खजूरी और रामपुर गांव पहुंचे तो लोगों ने उनका जोरदार विरोध किया था।