आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के जिस कर्मचारी ने जहर खाया है उसने कुलसचिव से शिकायत की है कि उसे उच्च शिक्षा मंत्री के बेटे ने जूते से मारा है। उससे यह भी कहा कि तेरी कोई भी अधिकारी नहीं सुनेगा। मेरी सुनवाई नहीं होने के कारण यह बात सोच कर मैं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया।
दिनेश कुशवाहा विश्वविद्यालय में माली है। मंगलवार दोपहर में उसने जहर खा लिया। जहर खाने के बाद विश्वविद्यालय में कर्मचारी संघ ने हंगामा शुरू कर दिया। विभागों में ताले डाल दिए गए। इधर कर्मचारी दिनेश कुशवाहा ने कुलसचिव के पास शिकायती प्रार्थना पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि दो वर्ष पहले उप कुलसचिव पवन कुमार ने मुझे उच्च शिक्षा मंत्री के यहां कार्य करने के लिए भेजा था। मैं वहां नियमित रूप से कार्य कर रहा हूं। उच्च शिक्षा मंत्री के पुत्र अलौकिक उपाध्याय ने रात के 8:00 बजे तक रुकने के लिए कहा, जबकि मेरी ड्यूटी शाम 5:00 तक की है। इसकी शिकायत मैंने उप कुलसचिव पवन कुमार से भी की, उन्होंने कहा मैं कुछ नहीं कर सकता हूं। इधर मैं संडे को नहीं गया। संडे को नहीं जाने के कारण मुझे अलौकिक उपाध्याय ने जूते से मारा और कहा जहां चाहे वहां शिकायत कर दे। मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता। विश्वविद्यालय मैं ही चला रहा हूं। विश्वविद्यालय का कोई भी अधिकारी तेरी नहीं सुनेगा। जब मेरी कोई सुनवाई नहीं होगी, इस बात को सोचकर मैं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया। मेरा यह कदम उठाने के लिए मंत्री के पुत्र जिम्मेदार हैं। इधर कुलपति ने अपना बयान जारी कर कहा था विश्वविद्यालय के किसी भी अधिकारी ने किसी कर्मचारी को किसी के घर पर नहीं लगाया है। सवाल खड़े हो रहे हैं कि कर्मचारी की ड्यूटी वहां पर नहीं थी तो कर्मचारी यह लिखकर क्यों दे रहा है कि मैं दो वर्ष से वहां कार्य कर रहा हूं। कुलपति के बयान को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। इधर पीड़ित कर्मचारी की पत्नी साक्षी कुशवाहा का कहना है कि उनके पति उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के यहां काम कर रहे थे। वह उन्हें छुट्टी नहीं देते हैं। उनके बेटे ने उन्हें इतना पीटा है कि उसका चेहरा भी सूज गया था। आहत होकर उन्होंने कमरा बंद कर जहर खा लिया।