आगरा। शहर की स्वच्छता और सुन्दरता को बनाए रखने के लिए नगर निगम सख्त कदम उठा रहा है। नगर निगम के द्वारा घरों व दुकानों के सामने कूड़ेदान को रखना आवश्यक कर दिया है। घरों व दुकानों से निकलने वाले कूड़े को सार्वजनिक स्थलों पर फेंकने वालों पर जुर्माना लगाना भी शुरू कर दिया गया है।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल का कहना है कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है। नागरिक कूड़े नाली या घरों के बाहर फेंकने के बजाय कूड़ेदान में डालें। सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा फेंककर कुछ लोग प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के अभियान का बटृटा लगा रहे हैं। ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए नगर निगम ने अभियान शुरु कर दिया है। शहर के छत्ता, हरीपर्वत,ताजगंज और लोहामंडी समेत चारों जोन में निगम की टीमें अभियान चला रही हैं। कूडे़ के साथ ही साथ प्लास्टिक के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है।
जेडएसओ राजीव बालियान ने बताया कि 2018 से पूर्व नगर निगम की ओर से लाखों की संख्या में हर वार्ड के सभी घरों में हरे और नीले रंग की दो दो डस्टबिन बांटी गई थीं। इनमें एक में गीला व दूसरी में सूखा कचरा रखना होता था। लेकिन 2016 सोलिडवेस्ट नियमावली में संशोधन के बाद सरकार की ओर से डस्टविन बांटने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी घरों व दुकानों पर कचरे के लिए स्वयं ही डस्टविन रखना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर साढ़े तीन सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चालान का प्रावधान किया गया है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में न तो घरों में और न ही दुकानदार डस्टविन का उपयोग कर रहे हैं। घरों और दुकानों का कूड़ा सड़क या नाले नालियों में फैंका जा रहा है। इससे नाले और नालियों के चोक होने से जलभराव की समस्या हो रही है। इससे निपटने के लिए सभी वार्डों में 25 सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों की टीमें नियुक्त की गयी हैं। ये टीमें रोजाना विभिन्न वार्डों में जाकर चेकिंग कर रहे हैं।