आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के प्रो. रामशंकर कठेरिया चौथी बार जीत का स्वाद नहीं चख सके हैं। एक नए चेहरे ने तीन बार के सांसद को इटावा में चुनाव हरा दिया है।
रामशंकर कठेरिया केएमआई में तैनात हैं। वर्ष 2009 में उन्होंने भाजपा की टिकट पर आगरा लोकसभा से पहला चुनाव लड़ा। चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद वर्ष 2014 में उन्हें फिर से टिकट दिया गया। इस बार भी उन्होंने जीत हासिल की। वर्ष 2019 में उन्हें इटावा से चुनाव लड़ाया गया। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी कमलेश कुमार को 64437 वोटों से पराजित किया।
इस बार समाजवादी पार्टी ने जितेंद्र दोहरे पर दांव खेला। एक नए चेहरे ने तीन बार के सांसद पुराने नेता भाजपा के प्रो. रामशंकर कठेरिया को चुनाव मैदान में पटखनी दे दी है। जितेंद्र दोहरे मूल रूप से बसपा कैडर से थे और वर्ष 2020 में बहुजन समाज पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। वे बसपा के जिलाध्यक्ष भी रहे थे। चुनाव लड़ने का उन्हें कोई खास अनुभव नहीं था। पार्टी ने सीधे उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारकर दांव खेला था। उसके पीछे सोच यह थी कि लोकसभा सीट में साढ़े चार लाख दलित मतदाता सीधा सीधा जितेंद्र दोहरे को टिकट देने से प्रभावित होगा। इसका सपा को फायदा भी मिला और जितेंद्र दोहरे को बहुजन समाज पार्टी का कोर वोट बड़ी संख्या में मिला।