ऋषि चौहान
एटा। हर एक दौर में लूटे गए हैं पहले चमन कभी बाहर की खातिर कभी खिजा के लिए। बसपा नेता जहीर अहमद का दर्द इन पंक्तियों से जाहिर होता है। लगभग 11 साल तक पार्टी के आश्वासनों की घुट्टी पीने के बाद जब पटियाली विधानसभा से उन्हें टिकट नहीं मिला तो आज मुस्लिमों के नेता जहीर अहमद ने बसपा से दामन छुड़ा लिया
जहीर अहमद किसी पहचान के मोहताज नहीं। एटा नगर पालिका चुनाव लड़ चुके हैं और जीतते जीतते हर गए। अमापुर सीट से भी वे बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन चुनाव नहीं जीत सके। अब उन्हें मुस्लिम बाहुल्य पटियाली से बहुत उम्मीद थी। एक महीने पहले भी बसपा सुप्रीमो मायावती से भी मिले थे। आश्वासन के बाद भी उन्हें टिकट नहीं मिला।
जहीर अहमद एटा में मुस्लिमों के नेता हैं। एक दशक से ज्यादा समय से बसपा की निष्ठा के खूंटे से बंधे थे लेकिन टिकट की बारी आई तो वे खाली हाथ रह गए। इसीलिए आज उन्होंने हाथी का साथ छोड़ दिया। उम्मीद है कि आने वाले चुनावी दौर में वह भी साइकिल की सवारी कर लें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
आज बसपा छोड़ने के बाद जहीर अहमद ने प्रेस वार्ता की और उसमें अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि बसपा में कोऑर्डिनेटर का बड़ा चक्रव्यूह है। बेताबी तो बड़े करते हैं लेकिन मोटी मुर्गी देखकर चुनाव के वक्त टिकट के लिए बहन जी से सिफारिश उसी की करते हैं जो पैसे से वजनदार होता है।
एटा में बसपा के साथ लगातार हादसे दर हादसे हो रहे हैं। पहले सपा से टिकट मांग रहे अजय यादव ने टिकट न मिलने से क्षुब्ध होकर सपा छोड़ी थी और बसपा ने उन्हें टिकट थमा दिया यह बताने की जरूरत नहीं की बसपा पहले ही एटा विधानसभा सीट पर संजीव गुप्ता और गुड्डू को टिकट घोषित कर चुकी थी लेकिन लेकिन डेढ़ दशक से चुनाव की हसरत दिल में पाले संजीव और गुड्डू के साथ वही हुआ जो नहीं होना चाहिए था, उनका टिकट काट के अजय यादव को दे दिया यह दर्द संजीव उर्फ गुड्डू ने सोशल मीडिया पर जाहिर किया है। कमोबेश यही हाल जहीर अहमद के साथ भी हुआ। पटियाली से टिकट की उम्मीद बांधे जहीर अहमद भी आज हाथी का साथ छोड़ गए। 50 वर्षीय जहीर अहमद वर्ष 2000 में सपा से चुनाव लड़े थे और तब भी चुनाव जीतते जीतते रह गए थे। उसके बाद बसपा में आए और टिकट की हसरत लिए हुए कई बार बसपा सुप्रीमो मायावती से मिले लेकिन हर बार उन्होंने आश्वासन दिया। वर्ष 2012, 17 और 2022 में भी उन्होंने मीडिया से अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हमने जीनत की रौनक को बढ़ाया और हमारे हिस्से में ही जाम ना आया। इसके अलावा यह पूछे जाने पर कि आगे किस पार्टी में जाएंगे तो उन्होंने कहा कि हम वह दरिया हैं जिन्हें आता है हुनर बहने का जिस तरफ चल देंगे रास्ता बन जाएगा
जहीर अहमद इकलौते प्रत्याशी नहीं है जिन्होंने बसपा से चोट खाई हो एटा के ही व्यापारी गुड्डू जो बसपा की डेढ़ दशक से सेवा करते रहे हैं उन्हें पिछले आधा दर्जन चुनाव में आश्वासन दिया गया और आश्वासन बसपा सुप्रीमो की तरफ से दिया गया लेकिन चुनाव लड़ने की हसरत उनकी आज तक पूरी नहीं हो पाई।