-गौरव प्रताप सिंह-
आगरा। आगरा कमिश्नरेट में अनोखी पुलिसिंग हो रही है। जहां एक ओर पुलिस कमिश्नर अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को शिष्टाचार का पाठ पढ़ा रहे हैं वहीं दूसरी ओर पुलिस एक के बाद एक खेल करने में लगी हुई है। कोई टप्पेबाज गैंग को थाने से पैसा लेकर छोड़ रहा है, कोई छेड़छाड़ के आरोपी को तो कोई चोरी के आभूषण खरीदने वाले सर्राफ को ही। कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होने की वजह से पुलिसकर्मियों के लगातार कांड जारी हैं। इस बार एत्माउद्दौला थाने का एक दरोगा सर्राफ को बीच रास्ते में छोड़कर आने के मामले में सुर्खियों में छाया हुआ है। थाने में चर्चाएं हैं कि दारोगा ने उसे छोड़ने में बड़ा खेल किया है। विवेचक भी इस बात को जान गए और नाराज हुए।
ट्रांस यमुना कॉलोनी में होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के मैनेजर के यहां 13 जनवरी की सुबह 30 लाख रुपए के गहने और नगदी चोरी हुई थी। 18 जनवरी को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान चोरों को पकड़ लिया। चोरों के द्वारा इटावा के उस सर्राफ का नाम बताया गया जिसको वह आभूषण बेचते हैं। एक अधिकारी के द्वारा थाने के एक दरोगा को कुछ पुलिस कर्मियों के साथ इटावा सर्राफ को पकड़ने के लिए भेजा गया। दरोगा ने इटावा जाकर उसे पकड़ भी लिया। चर्चाएं हैं कि आधे रास्ते लाते लाते सर्राफ से ऐसी डील हुई की दरोगा ने उसे बीच रास्ते से ही छोड़ दिया। दरोगा द्वारा उसे बीच रास्ते में ही छोड़कर आने की खबर थाने में जंगल में आग की तरह फैली हुई है। दरोगा के बारे में बताया जाता है वह बहुत बड़ा खिलाड़ी है। बड़े-बड़े खेल करने में माहिर है। अधिकारियों तक मामला पहुंचने के बाद सर्राफ की तलाश की जा रही है। इधर सवाल यह भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर आगरा में यह किस तरीके की पुलिसिंग हो रही है। पुलिस इतनी निरंकुश क्यों हो रही है?
इंस्पेक्टर की जांच करने आईपीएस गए थे तो वह उनसे बोला नहा रहा हूं, एक घंटे बाद आऊंगा
आगरा। एक इंस्पेक्टर के द्वारा चोरों का गैंग थाने से छोड़े जाने के जाने के मामले में जब एक आईपीएस को जांच करने के लिए भेजा गया तो आईपीएस ने उन्हें फोन किया कि मैं जांच करने आया हूं। ऑफिस में आ जाइए। सूत्रों का कहना है कि इंस्पेक्टर ने तेवर दिखाते हुए उनसे कहा अभी तो मैं नहा रहा हूं। एक घंटे बाद आऊंगा। जबकि वह थाने के अंदर ही रहते हैं। इंस्पेक्टर के द्वारा आईपीएस को किसके दम पर तेवर दिखाए गए थे यह बात सभी जानते हैं। इसलिए उसे किसी ने कुछ नहीं कहा। इंस्पेक्टर कई कांड कर चुका है फिर भी उसे हटाया नहीं जा रहा है। इंस्पेक्टर ने कहां से जुगाड़ लगा रखी है। यह जानने के लिए सभी उत्सुक हैं।
एलआईयू की रिपोर्ट सूंघने वाले प्रभारी भी सुर्खियों में
एक इंस्पेक्टर के द्वारा क्षेत्र में सारे गलत कार्य कराए जा रहे थे। उनकी कार्यशैली भी सुर्खियों में थी। जिस बैडमिंटन कोर्ट में अधिकारी भी बैडमिंटन खेलने जाते हैं वहां भी उनके द्वारा जुआ कराए जाने की शिकायत थी। सूत्रों का कहना है कि एलआईयू के द्वारा पूरा चिट्ठा बनाकर उनकी रिपोर्ट तैयार की गई। इंस्पेक्टर इतना शातिर है उसने यह सूंघ ली और अपना थाना चेंज करा लिया। यह इंस्पेक्टर भी जुगाड़ वाले इंस्पेक्टर में गिना जाता है। वर्तमान में इसकी कुछ जुआरियों से एक बड़े अधिकारी की कोठी के पीछे जुआ कराने की डील चल रही है, जिससे जुआ पकड़ा ना जाए। क्योंकि अधिकारी की कोठी के पीछे किसी को शक नहीं होगा।
इंस्पेक्टर की जानकारी को देखकर उड़ती उनके थाने में हंसी
एक इंस्पेक्टर को थाने का चार्ज कैसे मिला हुआ है आज तक इस बात की जानकारी उनके थाने के पुलिस कर्मी भी नहीं कर पाए हैं। इसके पीछे कारण है कि इंस्पेक्टर के अंदर इंस्पेक्टर वाली कोई खूबी ही नहीं है। वह केस डायरी का पर्चा काटना भी नहीं जानते हैं। एक महिला कांस्टेबल उनके पर्चे काटती है। हाल ही में इंस्पेक्टर के द्वारा अपने कमरे में मीटिंग ली गई थी, जिसमें उन्होंने सीजेएम को डीजेएम कहा था। इस पर अन्य पुलिसकर्मियों ने कहा साहब डीजेएम नहीं सीजेएम साहब बोलते हैं। इस पर इंस्पेक्टर नहीं माने। फिर उन्हें गूगल पर डालकर दिखाया गया। फिर इंस्पेक्टर शांत हो गए, लेकिन थाने के पुलिसकर्मी उनकी हंसी उड़ा रहे हैं कि उन्हें यह भी नहीं पता।
पनीर गैंग छोड़ने वाले इंस्पेक्टर भी सुर्खियों में
एक इंस्पेक्टर के द्वारा पनीर गैंग छोड़ दिया गया था। वह भी आए दिन अपनी कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में छाए रहते हैं। आखिर इन्हें चार्ज कैसे मिला हुआ है। यह जानने के लिए भी सभी उतावलें हैं। पूर्व में इंस्पेक्टर का यह रिकॉर्ड रहा है यह जिस थाने में रहे हैं। महीने, दो महीने से ज्यादा नहीं चले। अधीनस्थ पुलिसकर्मियों से भी वह बदतमीजी से बात करते हैं। वर्तमान में वह भी घमंड के सातवें आसमान पर हैं।