आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर के माली से उच्च शिक्षा मंत्री के पुत्र द्वारा मारपीट किए जाने और शौचालय साफ कराने, झाड़ू, पोछा लगवाने के मामले में उनकी पत्नी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं होने को लेकर कुशवाहा समाज आक्रोशित है। आरोप लगाया गया है कि थाना पुलिस और आगरा के पुलिस अधिकारी मंत्री के प्रभाव में हैं। कुशवाहा समाज के द्वारा अल्टीमेटम दिया गया है कि अगर 48 घंटे के अंदर मंत्री के पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो पूरे जिले में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और उनके बेटे अलौकिक उपाध्याय के पुतले दहन किए जाएंगे। इसके साथ ही डिप्टी रजिस्ट्रार पवन कुमार को निलंबित करने की मांग भी की गई है।
बता दें की विश्वविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दिनेश कुशवाहा माली का कार्य करते हैं। दिनेश कुशवाहा ने मंगलवार को विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया था। उनकी पत्नी साक्षी कुशवाहा का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह आरोप लगा रही थीं कि मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के बेटे अलौकिक उपाध्याय ने उनके पति को बेरहमी से पीटा था। वह वहां दो साल से काम कर रहे हैं, उन्हें छुट्टी भी नहीं दी जाती है। संडे को नहीं जाने पर उन्हें मंत्री पुत्र ने पीटा है। मामले में विश्वविद्यालय में कर्मचारी संघ ने ताले डाल दिए थे। बुधवार को भी विश्वविद्यालय में कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार किया था। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी की मांग पर उप कुलसचिव पवन कुमार को प्रशासन विभाग से हटा दिया गया है। उनकी जगह ममता सिंह को प्रशासन विभाग दिया गया था।
बुधवार शाम को दिनेश कुशवाहा की पत्नी साक्षी कुशवाहा मंत्री और उनके बेटे के खिलाफ नाई की मंडी थाने में तहरीर दी थी। तहरीर में लिखा है कि उनके पति विश्वविद्यालय में 2006 से कार्यरत हैं। पिछले दो साल से विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव पवन कुमार द्वारा उनके पति को उच्च शिक्षा मंत्री के आवास पर कार्य करने के लिए भेज दिया गया था। यहां पर उनसे घरेलू, व्यक्तिगत कार्य जैसे झाड़ू, पोछा लगवाना, गाड़ियों की सफाई कराना, शौचालय साफ करवाना आदि कराए जाते थे। उनके पति के द्वारा कई बार विरोध किया गया लेकिन पवन कुमार द्वारा उच्च शिक्षा मंत्री के दबाव में नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी देकर चुप करा दिया गया। रविवार को पति के काम पर नहीं जाने के कारण 13 मई को उच्च शिक्षा मंत्री के बेटे अलौकिक उपाध्याय ने उनको गालियां देते हुए बेरहमी से पीटा और धमकी दी जहां चाहे जहां शिकायत कर ले, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पूरे विश्वविद्यालय को मैं और मेरे पिताजी चलाते हैं। आहत होकर मेरे पति ने 14 मई को सुबह सुसाइड नोट लिखने के बाद विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। उनकी पत्नी ने तहरीर में यह भी लिखा है कि अगर भविष्य में उनके पति के साथ या परिजनों के साथ कोई घटना होती है तो उसके जिम्मेदार उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और उनके बेटे अलौकिक उपाध्याय होंगे। डीसीपी सिटी ने कहा था कि पहले मामले में जांच होगी। कर्मचारी वहां काम करता था या नहीं। उसके बाद कोई आगे विधिक कार्रवाई होगी।
दिनेश कुशवाह की पत्नी साक्षी ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि 15 मई को थाना नाई की मंडी में मंत्री के पुत्र अलौकिक उपाध्याय द्वारा पति दिनेश कुशवाह को जूतों से पीटने, उत्पीड़न करने और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने की तहरीर दी थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कुशवाह समाज का कहना है कि उनके पास दिनेश के उच्च शिक्षा मंत्री के घर पर काम करने के डिजिटल साक्ष्य हैं। मंत्री के आवास पर सीसीटीवी भी लगा हुआ है उसे देखा जा सकता है, दिनेश कुशवाह की लोकेशन भी चेक की जा सकती है उससे स्पष्ट हो जाएगा कि वह वहां काम कर रहा था या नहीं। कुशवाहा समाज के लोगों ने कहा कि अगर 48 घंटे के अंदर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो पूरे जिले में उच्च शिक्षा मंत्री और उनके बेटे का पुतला दहन किया जाएगा।