आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान द्वारा G 20 के आंबेसडर प्रोफेसर लवकुश मिश्र के नेतृत्व में पेठे की रंगोली बनाई गई। इस रंगोली में जी 20 लोगो को दर्शाया गया है।
प्रोफेसर लवकुश मिश्रा ने बताया कि जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि आगरा पेठे के लिए विश्व प्रसिद्ध है। प्राय: लोग पेठे का उपयोग खाने में करते हैं और इसकी रंगोली के लिए कभी प्रयास नहीं किया गया। पहली बार पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान के विद्यार्थियों और छात्रों ने मिलकर यह सराहनीय प्रयास किया है।
विश्वविद्यालय के सिविल लाइन परिसर स्थित संस्कृति भवन में G 20 का लोगो पेठे के द्वारा बनाया गया है। इसमें खास बात यह है कि पृथ्वी को जहां नीले रंग से ऊपर दिखाया जाना चाहिए था। वहां पर ब्राउन रंग भरा गया है। भूरा रंग दिखाने के साथ ही साथ एक संदेश भी लिखा गया है कि अगर पृथ्वी को प्रदूषण से नहीं बचाया गया तो यह नीले से ब्राउन दिखाई देगी । यह छात्रों के लिए एक मैसेज भी है। ऊपर लिखा हुआ है सेव मदर अर्थ और नीचे लिखा है इस रंगोली में G 20 का लोगो वाली रंगोली में विभिन्न खाद्य रंगों का इस्तेमाल किया गया है। लगभग 143 किलो पेठे का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही संस्थान द्वारा विश्व का सिंगल पीस पेठा भी तीन रंगों में प्रदर्शित किया गया है। यह भारत के झंडे का तिरंगा स्वरूप लिए हुए नारंगी ,सफेद तथा हरे रंग का है। क्योंकि विश्व में अभी पेठा के कोई भी विश्व रिकॉर्ड के लिए प्रयास नहीं किया गया है इसलिए इसे विश्व रिकॉर्ड समझा जा सकता है। इसमें सबसे बड़ा पीस जो नारंगी कलर का है उसका वजन 5 किलो 300 ग्राम है जोकि अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है ।इस रंगोली का आकार 144 X 108 इन्च है।
प्रोफेसर लवकुश मिश्र ने बताया कि विश्व रिकॉर्ड अंकित करने के लिये गिनीज़ बुक सहित सभी संस्थाए पैसे मांगती है। इस कार्य के लिये गिनिज़ बुक ने लगभग 5 लाख मांगे थे। इसलिये उन्हे आमंत्रित नहीं किया गया है। भविष्य मे योजना बनाकर किया जायेगा।
इस अनूठी रंगोली बनाने मे डॉ. शार्दुल मिश्र, विभा माथुर , कुलदीप यादव, यश शर्मा, प्रियंका तथा निधि व कुलदीप कुमार ने सक्रिय भाग लिया।
