-पीयूष गौतम-
आगरा। बिहार चुनाव को लेकर एक कहावत है कि हवा रातोंरात बदल जाती है। कमोबेश पूर्वी यूपी में भी इसकी बानगी देखने को मिल जाती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 70 प्रतिशत लड़ा जा चुका है। यूपी चुनाव के दो चरण शेष रह गए हैं। कल यानी तीन मार्च को दस जिलों की 57 सीटों पर वोट पड़ेंगे। सात मार्च को आखिरी फैसला नौ जिलों की 54 सीटों पर होगा। दोनों चरणों में योगी आदित्यनाथ की सीट ही नहीं, उनके प्रभाव की भी परीक्षा हो रही है। पर हवा किस तरफ चल रही है, इसका अंदाजा नहीं लग पा रहा। यही कारण है कि बेचैनी सपा के साथ ही भाजपा में भी हैं। जाट लैंड, यादव लैंड, रुहेलखंड, बुंदेलखंड और अवध में हवा बदली-बदली सी दिखी। पूर्वी यूपी में पछुआ हवा ही बहेगी, यह अभी किसी नजूमी के लिए भी कहना मुश्किल है। पूर्वांचल में हवा का प्रवाह बदलने के लिए दोनों पार्टियां बेचैन हैं। बेचैनी बहुजन समाज पार्टी ने बढ़ाई है।
छठे और सातवें फेज में हवा का रुख बदलने की पहली कोशिश भाजपा के चाणक्य अमित शाह ने की है। उन्होंने कहा कि मायावती मजबूती से चुनाव लड़ रही हैं। जाटव के अलावा मुसलमान वोट भी मायावती के साथ जा रहे हैं। पूर्वी यूपी में ऐसा ही देखा भी जा रहा है। अभी अधिकांश मीडिया चैनल और समाचार पत्र यूक्रेन-रूस के युद्ध में फंसे हैं, ऐसे में पूर्वी यूपी का आकलन नहीं लगा पा रहे हैं। सचाई यह है कि पूर्वी यूपी में जाटव के साथ ही मुस्लिसम वोटर बसपा के साथ साफ खड़े दिख रहे हैं। मायावती ने अमित शाह की बात को उनकी महानता बताया और स्वीकार किया कि ऐसा पूर्वी यूपी में हो रहा है। इससे सपा बेचैन है क्योंकि पूर्वी यूपी में उसे मुस्लिम वोट नहीं मिल रहे हैं। शुरुआती लड़ाई में शिथिल बसपा अचानक हवा बदलने की मशीन जैसी बन गई है। पहले के चरणों में ऐसा दिखा कि मुस्लिम वोटर पूरी तरह से सपा के साथ है लेकिन पांचवें चरण से ही हवा बदल गई। ऐसे में अब बची हुई लड़ाई निर्णायक लग रही है।
सपा ने तो आलोचना करते हुए कहा कि बुंदेलखंड के साथ ही कई सीटों पर बसपा के वोट भाजपा को ट्रांसफर कराए गए। इसका मकसद ये हो सकता है कि मुसलमान वोट को सातवें चरण की अंतिम लड़ाई तक सपा के पक्ष में एकजुट रखा जाए ताकि यादव-मुसलमान मिलकार 30 प्रतिशत में बट्टा न लगे। ऐसे में राष्ट्रीय लोक दल, महान दल, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), अपना दल (कमेरावादी) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के वोटर भी कुछ खास करते नहीं दिख रहे हैं।