आगरा। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज- दयालबाग शिक्षण संस्थान – शैक्षणिक और प्रशासनिक विकास केंद्र (एआईयू-डीईआई-एएडीसी) द्वारा ‘सामाजिक और व्यवहार विज्ञान में प्रायोगिक अनुसंधान’ पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन शुरू किया गया है। देश भर के 107 प्रतिभागी कार्यशाला में हाइब्रिड मोड में भाग लेंगे।
एआईयू-डीईआई-एएडीसी की नोडल अधिकारी प्रोफेसर ज्योति गोगिया ने एएडीसी और इसके कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रदान किया। कार्यशाला संयोजक प्रोफेसर एनपीएस चंदेल ने कार्यशाला के उद्देश्यों को रेखांकित किया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि दयालबाग शिक्षण संस्थान के निदेशक प्रो. सी. पटवर्धन थे। उन्होंने दुनिया में तीव्र गति के साथ तालमेल बिठाने के लिए अनुसंधान में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया। डॉ. अनूप कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, बायोस्टैटिस्टिक्स और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान विभाग, संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ ने उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने प्रायोगिक अनुसंधान का संक्षिप्त परिचय दिया। सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर नंदिता सत्संगी ने की। पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय, गांधीनगर, गुजरात की सहायक प्रोफेसर डॉ. श्रद्धा शर्मा ने विभिन्न प्रकार के प्रायोगिक अनुसंधान पर चर्चा की।