इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अब राजनीतिक संकट अपने चरम पर पहुंचता दिख रहा है। पाकिस्तान में एकजुट विपक्ष अब इमरान खान सरकार के खिलाफ अपने अविश्वास प्रस्ताव को कल नेशनल असेंबली के अध्यक्ष के पास ले जाएगा। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष अगर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेते हैं तो पाकिस्तानी संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 28 मार्च होगा। इस बीच खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि इमरान खान पर इस्तीफे के लिए दबाव बन रहा है और आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ नदीम अंजुम ने उन्हें इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) की बैठक के बाद पद छोड़ने के लिए कह दिया है।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले इमरान खान की पार्टी ने सरकार बचाने के लिए पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ को मध्यस्थता के लिए सऊदी अरब से बुलाया था, जो संभवत: फेल हो गया है। जनरल राहिल शरीफ ने इमरान खान की ओर से जनरल बाजवा से मुलाकात की लेकिन वह उन्हें मना नहीं पाए। जनरल बाजवा और अन्य वरिष्ठ जनरलों ने कहा कि सेना के लाडले रह चुके इमरान खान को दोबारा मौका नहीं दिया जाए। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना का आकलन है कि इमरान खान का इस्तीफा दे देना ही ठीक रहेगा क्योंकि आर्थिक संकट के बीच वर्तमान राजनीतिक संकट देश के हित में नहीं है।
पाकिस्तानी सेना इस बात से भी भड़की हुई कि इमरान खान ने यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ को अनायास ही निशाना बनाया। वह भी तब जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के मसले पर पश्चिमी देशों का समर्थन किया था। यही वजह है कि पाकिस्तानी सेना ने पीएम इमरान खान से साफतौर पर कह दिया है कि वह ओआईसी के सम्मेलन के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दें। इस बीच इस्लामाबाद में यह भी चर्चा है कि इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए जनरल बाजवा को बर्खास्त कर सकते हैं।
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