इस्लामाबाद। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में है। इमरान सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध देखा जा रहा है। इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है और शुक्रवार को नेशनल असेंबली का सत्र बुलाया गया है। इस पर वोटिंग भी हो सकती है। 2018 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से इमरान की यह सबसे कठिन राजनीतिक परीक्षा मानी जा रही है। एक तरफ राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए नए आर्मी चीफ की नियुक्ति कर सकते हैं। इस संभावित फैसले की आहट मिलने पर उनके अपने ही विरोध में खड़े हो गए हैं। उधर, खबर है कि इमरान पर पीएम की कुर्सी छोड़ने का भारी दबाव है। सेना और आईएसआई ने भी उन्हें अगले कुछ दिनों में पद छोड़ने की डेडलाइन दे दी है। हालांकि पाकिस्तान में अंदरखाने चर्चा हो रही है कि इमरान खान कुछ वैसा ही कर सकते हैं, जैसे राष्ट्रपति जुल्फिकार भुट्टो ने कार्यवाहक सेना प्रमुख और एयरफोर्स चीफ को 1972 में बर्खास्त कर दिया था। लेकिन हालात इतने आसान नहीं हैं। जनरल बाजवा के समर्थन में पूरी सेना एकजुट है और पाकिस्तान के नेता भी साथ दिख रहे हैं। ऐसे में जनरल बाजवा तख्तापलट की सीमा तक जा सकते हैं।
दरअसल, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के 100 सांसदों ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। आरोप लगाया गया है कि इमरान सरकार की नीतियां देश में आर्थिक संकट और महंगई का आसमान छूने के लिए जिम्मेदार हैं। आर्थिक संकट के चलते देश में राजनीतिक संकट गहरा गया है। सेना को लगता है कि ऐसे हालात में इमरान खान का इस्तीफा देना ही ठीक रहेगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के ही एक नेता ने इमरान को चेतावनी देते हुए संकेत दिया है कि देश में नए आर्मी चीफ की नियुक्ति होने वाली है। इमरान सरकार से बेहद नाराज डॉ. आमिर लियाकत हुसैन ने आगाह किया है कि अगर वह (इमरान) नए आर्मी चीफ की नियुक्ति करने का फैसला करते हैं तो पूरे देश में जोरदार विरोध भड़क सकता है। लियाकत कहते हैं कि उनके पास ऐसी खबरें आ रही हैं कि इमरान खान नए आर्मी चीफ को नियुक्त करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भारी नुकसानदेह कदम साबित होगा और वह इस तरह के किसी भी कदम के खिलाफ सबसे मजबूत आवाज होंगे।
पाकिस्तान और सेना के बीच सत्ता या सत्ता की बागडोर अपने हाथों में रखने को लेकर टकराव नया नहीं है। फिलहाल पाक फौज इस बात से भड़की हुई है कि इमरान खान ने दूसरों के मुद्दों में बेवजह टांग लड़ाई। देश में महंगाई रेकॉर्ड तोड़ रही और इमरान यूक्रेन संकट पर बिना वजह और देश हित देखे बिना अमेरिका और यूरोपीय संघ पर हमले कर रहे हैं। जबकि अफगानिस्तान के मसले पर पाकिस्तान ने पश्चिमी देशों का समर्थन किया था। ऐसे में पाक फौज ने साफ कह दिया है कि इमरान खान ओआईसी (इस्लामिक देशों का संगठन) सम्मेलन के बाद इस्तीफा दे दें।