आगरा। आगरा कॉलेज के निलंबित प्राचार्य प्रोफेसर अनुराग शुक्ला ने ढाई महीने बाद हाई कोर्ट के आदेश पर फिर से प्राचार्य पद पर चार्ज ले लिया है। प्रबंध समिति की अध्यक्ष कमिश्नर ने उन्हें चार्ज सौंपा है। प्रोफेसर शुक्ला को चार्ज मिलने के बाद उनसे जुड़े शिक्षकों में खुशी की लहर है। वहीं प्रो. सीके गौतम से जुड़ा खेमा मायूस है।
आगरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग शुक्ला को वित्तीय अनिमितताओं के आरोप में दस फरवरी को शासन द्वारा निलंबित किया गया था। 13 फरवरी को प्रबंध समिति की अध्यक्ष कमिश्नर ने डॉ. सीके गौतम को कार्यवाहक प्राचार्य बनाया था। शासन के आदेश के खिलाफ पूर्व प्राचार्य डॉ. अनुराग शुक्ला हाईकोर्ट चले गए थे। उनकी तरफ से अधिवक्ता अशोक खरे ने दलीलें दी थीं कि उनका निलंबन गलत हुआ है। हाईकोर्ट ने शासन के आदेश को स्टे कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि वह प्राचार्य के रूप में वेतन भत्ते के साथ कार्य करते रहेंगे। जो जांच चल रही हैं उन्हें कराया जा सकता है, लेकिन वह भी नियमों का पालन करते हुए होनी चाहिए। हाई कोर्ट के आदेश पर भी उन्हें चार्ज नहीं मिल रहा था। इसके बाद वह पुनः हाई कोर्ट की शरण में गए थे। हाई कोर्ट के आदेश पर शासन ने प्रबंध समिति की अध्यक्ष कमिश्नर रितु माहेश्वरी को आदेश दिए की उन्हें प्रचार पद पर चार्ज ग्रहण कराया जाए। बुधवार को जब वह चार्ज ग्रहण करने गए तो प्रोफेसर सीके गौतम वहां नहीं थे। कमिश्नर कार्यालय से उन्हें फोन कर बताया गया कि उन्हें हटा दिया गया है। वह लेटर रिसीव कर लें। इधर बता दें कि प्रोफेसर अनुराग शुक्ला ने उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय से अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा बताया था। उन्होंने पूर्व में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।