आगरा। आगरा पुलिस के एक झूठ पर हाईकोर्ट काफी नाराज हुआ। उसके बाद उसकी नाराजगी इसलिए और बढ़ गई की कमिश्नर की जगह एडिशनल पुलिस कमिश्नर हाईकोर्ट के सामने पेश हुए। इसके बाद हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए एडिशनल पुलिस कमिश्नर पर नाराज होते हुए आज ही कमिश्नर को बुलाने के लिए कहा। यह सूचना जब पुलिस कमिश्नर को मिली तो उन्होंने अपनी गाड़ी दौड़ा दी। 3:30 बजे वह हाईकोर्ट पहुंच गए। लापरवाह पुलिसकर्मियों की वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मामला सदर थाने का है। यहां पर अंकित शर्मा नाम के व्यक्ति ने आगरा न्यायालय में मनोज नाम के व्यक्ति के खिलाफ NIA एक्ट ( चेक संबंधी) केस दाखिल किया था। यहां से कई बार सदर पुलिस को प्रतिवादी के वारंट जारी हुए, लेकिन पुलिस ने यह तामील नहीं कराए। इस बात को लेकर वादी अंकुर शर्मा आगरा पुलिस के खिलाफ कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट चला गया। अंकुर शर्मा की याचिका पर हाईकोर्ट ने आगरा पुलिस से जवाब मांगा। सदर थाना पुलिस ने अधिकारियों को लिखकर दे दिया कि उन्हें वारंट प्राप्त नहीं हुए हैं। अधिकारियों ने हाईकोर्ट में यह बात लिखकर दे दी। इस बात पर हाईकोर्ट ने आगरा न्यायालय से आख्या मांगी। आगरा न्यायालय ने वारंट और गैर जमानती वारंट की प्रति हाईकोर्ट में भेज दी। आगरा पुलिस के द्वारा झूठी सूचना देने पर हाईकोर्ट ने नाराज होते हुए पुलिस कमिश्नर को आज तलब कर लिया। पुलिस कमिश्नर के द्वारा लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनमें इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार, पूर्व चौकी प्रभारी सीओडी सोनू कुमार, दो कांस्टेबल शामिल हैं। इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर की जगह एडिशनल पुलिस कमिश्नर संजीव त्यागी को हाईकोर्ट में भेजा। वह सुबह 10:00 बजे हाई कोर्ट में पेश हुए। हाई कोर्ट ने कहा आप पुलिस कमिश्नर तो नहीं है। आप कैसे आ गए। बुलाया तो पुलिस कमिश्नर को था। क्या पुलिस कमिश्नर अभी भी गंभीर नहीं हैं। हाई कोर्ट ने कहा अगर पुलिस कमिश्नर आज नहीं आए तो कड़ी कार्रवाई होगी। यह सुनकर एडिशनल पुलिस कमिश्नर का पसीना छूट गया। उनके द्वारा पुलिस कमिश्नर को फोन कर यह बात बताई गई। पुलिस कमिश्नर ने हाईकोर्ट की बात को गंभीरता से लिया और तत्काल प्रयागराज के लिए निकल पड़े। करीब 3:30 बजे वह हाई कोर्ट के सामने पेश हुए।