आगरा। भाजपा ने पांच वर्तमान विधायकों का टिकट काटा है। ऐसे में उन सभी के चेहरे उतरे हुए हैं। उनके समर्थकों में भी काफी रोष है। कुछ विधायक बगावत के स्वर भी दिखा रहे हैं। ऐसे में कुछ क्षुब्ध निर्दलीय या किसी दूसरी पार्टी से भी टिकट लेकर चुनाव में उतर सकते हैं।
सबसे पहले बात करते हैं एत्मादपुर विधान सभा क्षेत्र के विधायक रामप्रताप चौहान की। विधायक के समर्थकों द्वारा धर्मपाल सिंह को टिकट मिलने पर लगातार विरोध किया जा रहा है। रामप्रताप चौहान भी अपना टिकट कटने से हैरान हैं, उनका कहना है कि उन्होंने 5 साल में काफी विकास कराया है। पार्टी के सभी निर्देशों का पालन किया है। फिर भी टिकट क्यों नहीं दिया गया। वे समझ नहीं पा रहे हैं। विधायक अपने समर्थकों के साथ आगामी रणनीति बना रहे हैं। हालांकि अभी तक उन्होंने विद्रोह जैसे कोई संकेत नहीं दिए हैं।
टिकट से वंचित फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक जितेंद्र वर्मा पूर्व में समाजवादी पार्टी में रहे हैं। वर्ष 2017 में भाजपा से टिकट लेकर वह चुनाव लड़े और जीते भी। वह भी अपना टिकट काटे जाने से हैरान हैं। विधायक जितेंद्र वर्मा का कहना है कि वह अपने समर्थकों के साथ रणनीति बना रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे।
खेरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेश गोयल का भी टिकट काटा गया है। हालांकि उनका कहना है कि वह संगठन के साथ हैं। वह संगठन से नाराज भी नहीं है। खेरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने भगवान सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है। भगवान सिंह कुशवाहा का काफी लोग विरोध कर रहे हैं। केंद्रीय कानून राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल के मित्र और सांसद प्रतिनिधि दिगंबर सिंह धाकरे भी टिकट की दौड़ में शामिल थे। टिकट नहीं मिलने से वह भी क्षुब्ध हैं।
फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक उदय भान सिंह की बात करें तो वह वर्तमान में राज्य मंत्री हैं, उनकी जगह चौधरी बाबूलाल को टिकट दिया गया है। उदय भान सिंह का कहना है कि वह पार्टी के साथ हैं और रहेंगे।
आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाहा का कहना है कि उन्होंने 5 साल क्षेत्र में काफी विकास कराया है। फिर भी उनका टिकट काट दिया गया है। वह यह देखकर हैरान हैं। उनका कहना है कि दिवाकर और कुशवाहा समाज उन्हें टिकट नहीं मिलने को लेकर नाराज है। वह अपने परिवारीजनों और समर्थकों के साथ आगामी रणनीति बना रही हैं।