आगरा। हरीपर्वत में केमिकल कारोबारी के यहां दिनदहाड़े लूट कर उनकी हत्या करने वाले बदमाश डेढ़ सौ ग्राम सोने से भरा एक थैला गली के बाहर फेंक गए थे। बताया जा रहा है कि पुलिस यह थैला कारोबारी के घर से ले गई है। कारोबारी के परिजन परेशान हैं। समझ नहीं पा रहे हैं कि पुलिस आखिर करना क्या चाहती है? कहीं ऐसा तो नहीं है कि बचा हुआ माल पुलिस बदमाशों से बरामद दिखा दे? जो गया उसकी बरामदगी के प्रयास तक नहीं हों? पुलिस के थैला लेकर जाने के बाद परिवार बहुत तनाव में है।
सोमवार को दिनदहाड़े केमिकल कारोबारी दिलीप गुप्ता के घर बदमाशों ने धावा बोला था। नौकर लोकेश बदमाशों को साथ लेकर आया था। बदमाशों ने दिलीप गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उनकी पत्नी लता गुप्ता को लहूलुहान करके बदमाश कैश और जेवरात लूट ले गए थे। मंगलवार को लता गुप्ता ने बताया था कि बदमाश करीब पांच लाख रुपये का माल लूटकर ले गए थे। 20 लाख रुपये कैश और 600 ग्राम सोने के जेवरात थे।
लता गुप्ता और उनके बेटों ने बताया कि बदमाशों ने चार बैगों में माल भरा था। एक बैग भागते समय बदमाश गली में फेंक गए थे। बस्ती वालों ने बैग उन्हें दे दिया था। सूचना पर उनके रिश्तेदार घर आए थे। उन्होंने बैग अलमारी में रख दिया था। लता गुप्ता को पुलिस ने नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। दिलीप गुप्ता का शव पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था। बड़ा बेटा सुमित गुप्ता पोस्टमार्टम हाउस पर था। छोटा बेटा रजत उस समय घर पर था। वह बहदवास हालत में था। उसे यह नहीं पता था कि पिता की हत्या हो गई है। वह दुकान से आया था।
लता गुप्ता ने बताया कि डकैती के बाद पुलिस घर पर आई थी। अलमारी में रखा बैग रिश्तेदार से निकलवाया। बैग में करीब 150 ग्राम से अधिक सोने के जेवरात थे। उनके पास उस समय का वीडियो है। पुलिस जेवरात के उस बैग को अपने साथ थाने ले गई। पुलिस ने एक बदमाश को पकड़ा। उससे क्या बरामद हुआ पुलिस ने बताया तक नहीं। पुलिस जो जेवरात उनके घर से लेकर गई वे कैसे वापस मिलेंगे। पुलिस कहीं उन्हीं जेवरातों को बदमाशों से बरामद तो नहीं दिखाएगी। बदमाशों के पास अभी भी लाखों के जेवरात और कैश है। वह कैसे बरामद होगा। घरवालों के इन सवालों के फिलहाल पुलिस जवाब नहीं दे रही है।
वहीं दूसरी तरफ हरीपर्वत पुलिस यह मानने को तैयार नहीं है कि बदमाश तीन बैग में माल भरकर ले गए हैं। पुलिस का कहना है कि रास्ते में सीसीटीवी फुटेज देखे थे। बदमाशों के पास बैग नहीं दिखे। जबकि घरवाले यह दावा कर रहे हैं कि वे सच बोल रहे हैं।