लखनऊ। यूपी में अभी तीन चरणों में वोटिंग होनी शेष है। चुनाव अब पूर्वांचल की ओर बढ़ चला है। पूर्वांचल में हमेशा बाहुबलियों का बोलबाला रहा है। यूपी के इन बाहुबलियों के इर्द-गिर्द सियासत भी घूमती रहती है। ऐसे में अगले तीन चरण के चुनाव काफी अहम और रोचक भी हैं, जहां बाहुबलियों को भी चुनौती मिल रही है। कल पांचवें चरण की वोटिंग होनी है और इसके बाद दो और चरण शेष रह जाएंगे।
गोरखपुर के बाहुबली हरिशंकर तिवारी इस बार चुनावी मैदान में नहीं हैं लेकिन उनकी परंपरागत सीट चिल्लूपार में उनके बेटे विनय शंकर तिवारी सपा के टिकट से मैदान में हैं। इस सीट पर पिछले तीन दशक से ब्राह्मण विधायक रहा है। यहां से भाजपा ने पूर्व मंत्री राजेश त्रिपाठी को टिकट दिया है, वहीं बसपा के टिकट से राजेंद्र मैदान में हैं। यहां विनय शंकर तिवारी को राजेश त्रिपाठी से कड़ी टक्कर है।
इसी तरह मऊ से मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी अपने पिता की विरासत को बचाने को मैदान में उतरा है। वह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में है। 2017 में अब्बास अंसारी को इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा के अशोक कुमार सिंह और बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर उन्हें चुनौती दे रहे हैं।
मुख्तार अंसारी के खास गुर्गे अभय सिंह की भी सियासी परीक्षा कल मतदान में होगी। वह गोसाईगंज सीट से सपा के प्रत्याशी हैं, जबकि भाजपा के पूर्व विधायक इंद्रप्रताप तिवारी की पत्नी आरती तिवारी मैदान में हैं।
आजमगढ़ के फूलपुर पवई सीट से सपा के प्रत्याशी रमाकांत हैं, जबकि भाजपा ने रामसूरत को मैदान में उतारा है। पिछली बार रमाकांत के बेटे अरुणकांत भाजपा के टिकट पर इस सीट से विजयी हुए थे लेकिन भाजपा ने इस बार उनका टिकट काट दिया है। बसपा ने शकील अहमद को मैदान में उतारा है।इसी तरह जौनपुर की रारी सीट से बाहुबली धनंजय सिंह, चंदौली से बृजेश सिंह, भदोही से विजय मिश्रा और कुंडा से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की साख भी इस बार दांव पर है।