लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भले ही सत्ता से दूर रह गई लेकिन भाजपा के सामने उसने तगड़ी चुनौती जरूर पेश की। यही कारण था कि समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पहली बार 32 प्रतिशत वोट हासिल किया। इसके फौरन बाद विधान परिषद की 36 सीटों के लिए चुनाव शुरू हुआ तो माना जा रहा था कि भाजपा और सपा में सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। लेकिन जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, भाजपा ने अपनी रणनीति का दम दिखाना शुरू कर दिया है। स्थिति ये है कि रिजल्ट से पहले ही भाजपा के नौ प्रत्याशियों की जीत पक्की हो गई है। एक के बाद एक समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अखिलेश को चौंकाते हुए ऐन वक्त पर अपना पर्चा वापस ले ले रहे हैं।
विधान परिषद की 36 सीटों पर नौ अप्रैल को मतदान होना है। पहले चरण की 30 सीटों के लिए आज तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। इससे पहले बुधवार को ही बदायूं से सपा उम्मीदवार ने अखिलेश को झटका दिया और अपना पर्चा वापस ले लिया। सिनोद शाक्य के इस कदम से भाजपा के वागीश पाठक की जीत तय हो गई। पता चला कि सिनोद एक दिन पहले से ही भाजपा के संपर्क में थे।
इसी तरह हरदोई में भी कहानी लिखी गई। यहां सपा ने रजीउद्दीन को प्रत्याशी बनाया था लेकिन उन्होंने भी पर्चा वापस ले लिया और भाजपा प्रत्याशी अशोक अग्रवाल की जीत पक्की कर दी। यही नहीं रजीउद्दीन भाजपा नेता नरेश अग्रवाल के घर पर बैठे भी दिखाई दिए। वहीं मिजार्पुर-सोनभद्र में सपा प्रत्याशी रमेश यादव ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। अचानक प्रत्याशी के पलटी मारने से जहां सपा सकते में आ गई और भाजपा के विनीत सिंह की जीत की राहें आसान हो गईं। चौंकाने वाली घटना तो गाजीपुर में हुई और एमएलसी चुनाव में उलटफेर हो गया। सपा ने यहां भोलानाथ शुक्ला को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन ऐन वक्त उन्होंने भी पर्चा वापस ले लिया और भाजपा प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल की राहें आसान कर दीं। उधर अलीगढ़ से भी सपा के लिए अच्छी खबर नहीं आई। यहां बुधवार को सपा प्रत्याशी जसवंत सिंह यादव का पर्चा खारिज हो गया। दरअसल भाजपा ने जसवंत सिंह के प्रस्तावक के फर्जी हस्ताक्षर की शिकायत की थी। गौर करने वाली बात ये है कि बुधवार को जसवंत सिंह को प्रस्तावक पेश करना था, लेकिन वह आए ही नहीं और पर्चा खारिज हो गया। इसके साथ ही भाजपा का रास्ता साफ हो गया। इससे पहले मथुरा-एटा-मैनपुरी की दोनों सीटों व लखीमपुर से सपा प्रत्याशी का पर्चा मंगलवार को ही खारिज हो गया था। इसी तरह बुलंदशहर-गाजियाबाद से रालोद प्रत्याशी ने अपना पर्चा वापस ले लिया। इस तरह से 9 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे।