आगरा। एसओजी और सिकंदरा थाना पुलिस द्वारा पकड़े गए ईरानी गैंग के सदस्य यातायात निरीक्षक और पुलिसकर्मी बनकर उन महिलाओं को विशेष तौर पर निशाना बनाते थे, जो ज्यादा गहने पहने हुए होती थीं। पकड़े गए गैंग के सभी सदस्यों का कद काठी भी काफी लंबी चौड़ी है। इससे लोग भी उन्हें वास्तविक पुलिसकर्मी समझ लेते थे और उनके जाल में फंस जाते थे।
आगरा में कई वर्षों से टप्पेबाजी की लगातार घटनाएं हो रही हैं। एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित आरोपियों को पकड़ने के लिए लंबे समय से लगे हुए थे। एसओजी प्रभारी को सूचना मिली कि गैंग सिकंदरा थाना क्षेत्र में आया हुआ है। एसओजी प्रभारी ने सिकंदरा थाना पुलिस के साथ मिलकर गैंग के छह सदस्यों को पकड़ लिया। पूछताछ में गैंग के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने आगरा में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। हम लोग कम भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाकर यातायात निरीक्षक या पुलिसकर्मी बनकर खड़े हो जाते हैं, जो महिला ज्यादा गहने पहने हुए दिखाई पड़ती हैं उनके पास हमारे गैंग का एक सदस्य जाता है और बोलता है कि आपको वहां इस्पेक्टर साहब बुला रहे हैं। महिला के आने पर उससे कहा जाता है कि आगे आपके साथ लूट हो सकती है। इसलिए अपने गहनों को बैग में रख लीजिये। इसके बाद हम उस बैग की जगह दूसरा बैग बदलकर उन्हें दे देते हैं। पकड़े गए शातिरों में एक हुसैनी नाम का व्यक्ति मुंबई का रहने वाला है। वह मुंबई, महाराष्ट्र में भी कई घटनाएं कर चुका है। इसके खिलाफ अब तक 11 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने पर एसएसपी ने एसओजी प्रभारी की पीठ थपथपाई है।