आगरा। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी लोगों की बजट पर नजरें बनी हुई थी। मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में यह पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट में युवाओं से लेकर खेती- किसानों, सड़क परियोजना, पीएम आवास योजना से जुड़े कई बड़े निर्णय लिए हैं।
बजट के कुछ खास बिंदु—–
*चार स्थानों पर बहू मॉडल पार्क के लिए अनुबंध अगले वित्त वर्ष में दिए जाएंगे।
*26 नदियों को जोड़ने के पांच डीपीआर के मसौदे तैयार।
*सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीद के लिए 2. 37 लाख करोड रुपए भुगतान करेगी।
*सड़क परिवहन मास्टर प्लान के लिए पीएम गति शक्ति को 2022- 23 में अंतिम रूप दिया जाएगा।
* गंगा नदी के आसपास क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
*हब एंड स्पोक मॉडल के आधार पर शिक्षा देने के लिए डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा।
*बाल स्वास्थ्य में सुधार के लिए दो लाख आंगनबाड़ियों को बेहतर बनाया जाएगा।
*प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2022- 23 में 44000 करोड रुपए से 80 लाख किफायती घर बनाए जाएंगे।
*डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा 75 जिलों में 75 डिटेल बैंक स्थापित की जाएंगी।
बजट को लेकर क्या है लोगों की प्रतिक्रिया, जानें
सेवानिवृत्त आयकर अधिकारी आरसी शर्मा का कहना है कि आज के बजट में आयकर अधिनियम की कुछ धाराओं को छोड़कर जैसे कारपोरेट टैक्स, सोसाइटी टेक्स के अलावा कोई छूट आयकर में नहीं दी गई है। यह एक अच्छा प्रस्ताव है कि रिटर्न को मोडिफाइड करके एडिशनल टैक्स देकर अगर कोई त्रुटि ओरिजिनल रिटर्न में की गई है उसको 2 साल के अंतर्गत सुधारा जा सकता है। एनपीएस में राज्य कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान बजट में रखा गया है यह स्वागत योग्य है।
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वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार दीक्षित का कहना है कि यह बजट आम आदमी की इच्छाओं के अनुरूप नहीं है।
इस बजट में जनमानस के लिए कुछ भी नहीं है और एक बार फिर साबित कर दिया गया है कि सरकार किसी गरीब व मध्यम वर्ग के लिए नहीं सोच रही है। ना ही ऐसी कोई योजना का जिक्र है जिससे मध्यम वर्ग को लाभान्वित किया जा सके।
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विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लवकुश मिश्रा का कहना है कि बजट में नौजवान, किसान गरीब सभी का ध्यान रखा गया है। बजट स्वागत योग्य है। जैसी उम्मीद की जा रही थी वैसा ही बजट पेश किया गया है।
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कर्मचारी नेता डॉ. आनंद टाइटलर का कहना है जो बजट पेश किया गया है। वह सिर्फ लॉलीपॉप है। इसमें मध्यम वर्ग का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया है। रोजगार को लेकर भी इसमें कुछ खास नहीं है।