मास्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रशासन अब दावा कर रहा है कि अमेरिका यूक्रेन के अंदर जैविक हथियार बना रहा है और उसने इसके लिए कई लैब बना रखी है। इस बीच अमेरिका की विदेश मामलों की अंडर सेक्रेटरी विक्टोरिया नूलैंड ने खुलासा किया है कि वॉशिंगटन यूक्रेन के साथ मिलकर बॉयोलॉजिकल शोध केंद्रों को रूस के हाथों में पड़ने से रोकने के लिए काम कर रहा है। नूलैंड के यूक्रेन के अंदर बॉयोलॉजिकल लैब होने की पुष्टि करने से बवाल मच गया है। रूस और कोरोना को लेकर घिरे चीन ने अमेरिका से जवाब मांगा है।
अमेरिका में रूसी राजदूत अनातोली एंटोनोव ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन में जैविक हथियारों के नियमों के उल्लंघन के तथ्यों की पुष्टि से चिंतित है। एंटोनोव ने कहा कि विदेश विभाग के एक प्रतिनिधि के बयान से संकेत मिलता है कि अमेरिका को डर है कि इन सुविधाओं में संग्रहीत रोगजनक रूसी विशेषज्ञों के हाथों में पड़ जाएंगे। इस मामले में, यूक्रेन और अमेरिका द्वारा जैविक निषेध पर कन्वेंशन का उल्लंघन और टॉक्सिन वेपन्स की पुष्टि की जाएगी। एंटोनोव ने कहा कि विशेष रूप से खतरनाक रोगजनकों के विनाश के बारे में जानकारी है जिनमें प्लेग, एंथ्रेक्स, टुलारेमिया, हैजा और अन्य घातक बीमारियों के प्रेरक शामिल हैं। रूस ने इससे पहले कहा था कि अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य जैविक कार्यक्रम के तहत लविवि, खारकोव और पोल्टावा में 30 से अधिक प्रयोगशालाएं खतरनाक संक्रामक एजेंटों के साथ काम कर रही हैं।
इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से यूक्रेन में पेंटागन की कथित जैविक प्रयोगशालाओं (बायोलॉजिकल लेबोरेटरी) के बारे में जल्द से जल्द जानकारी का खुलासा करने का आह्वान किया है।