गौरव प्रताप सिंह
आगरा। जिले में कई दरोगा ऐसे हैं जो दबंगई में हीरो हैं और काम के मामले में जीरो। इन्हें अभी तक यही नहीं पता कि नक्शा किस तरफ मुंह करके बनाया जाता है, फर्द कैसे तैयारी की जाती है, घटनास्थल का निरीक्षण कैसे किया जाता है, मजरूबी चिठ्ठी कैसे दी जाती है। एसएसपी और एसपी सिटी द्वारा ऐसे दरोगाओं को प्रशिक्षण देकर सिखाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे वह विवेचनाओं का निस्तारण बेहतर तरीके से कर सकें।
डीआईजी/एसएसपी सुधीर कुमार सिंह और एसपी सिटी विकास कुमार ने कई विवेचनाओं के परीक्षण के दौरान देखा कि दरोगाओं ने जांच के नाम पर गुड गोबर करके रख दिया। दरोगा ने साक्ष्य संकलन किए बिना चार्जशीट लगा दी। वहीं साक्ष्य होने के बाद भी एफआर लगा दी। ऐसे में उन्होंने दरोगाओं को कानूनी दांव पेंच सिखाने को प्रशिक्षण शुरू किया है।
आज से शुरू हुए प्रशिक्षण में दरोगाओं को बताया गया कि उन्हें किस प्रकार सही तरीके से विवेचना करनी चाहिए। सबसे पहले डीआईजी/एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने दरोगाओं का मार्गदर्शन किया। इसके बाद एसपी सिटी विकास कुमार ने उनको पढ़ाया। प्रशिक्षण देने के लिए तेज तर्रार इंस्पेक्टर और थानाध्यक्ष भी बुलाए गए। इनमें हरीपर्वत इंस्पेक्टर अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर लोहामंडी देवेंद्र शंकर पांडे, थानाध्यक्ष रकाबगंज राकेश कुमार आदि शामिल थे।
चार दिन तक चलने वाले प्रशिक्षण में बताया जाएगा कि घटनास्थल का निरीक्षण कैसे करना चाहिए। फर्द कैसे तैयारी करनी चाहिए। मजरूबी चिठ्ठी कैसे दी जाती है। हत्या के मुकदमे में कैसे साक्ष्य एकत्रित किए जाते हैं। घटना खोलने के लिए फॉरेंसिक टीम कैसे मददगार साबित होती है। धोखाधड़ी, लूट, डकैती, बलात्कार, छेड़छाड़ की विवेचना किस प्रकार करनी चाहिए।
आगरा के दरोगाओं को एसपी सिटी के निर्देशन में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दरोगाओं को बताया जा रहा है कि उन्हें किस प्रकार सही तरीके से विवेचना करनी चाहिए। दरोगाओं को इस प्रशिक्षण शिविर से काफी लाभ मिलेगा।
सुधीर कुमार सिंह डीआईजी/ एसएसपी