आगरा। डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल के पास राजभवन से कोई गोपनीय लिफाफा आया है। राजभवन से एक कर्मचारी उन्हें यह लिफाफा स्वयं रिसीव कराने आया। वह आगरा में नहीं थे तो कर्मचारी उन्हें यह लिफाफा रिसीव कराने के लिए अलीगढ़ पहुंचा। आखिर इस लिफाफे के अंदर क्या है? यह जानने के लिए सभी उत्सुक हैं। क्या कुलपति को हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है? यह सवाल खड़े हो रहे हैं।
अधिवक्ता डॉ.अरुण कुमार दीक्षित ने कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं संबंधित कई आरोप लगाए थे। राजभवन ने आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी। कमेटी ने विश्वविद्यालय में दो बार में आकर आरोपों की जांच की। शिकायतकर्ता और कुलपति के बीच में जिरह कराई। इधर कुलपति को राजभवन द्वारा कार्यविरत किए जाने के मामले में वह हाईकोर्ट से राहत लेने पहुंचे, लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। विशेष सूत्रों की मानें तो राजभवन से एक कर्मचारी एक लिफाफा लेकर कुलपति को रिसीव कराने आगरा आया था। कुलपति खंदारी स्थित अपने आवास में नहीं थे। कर्मचारी ने राजभवन को अवगत कराया कुलपति यहां पर नहीं हैं, अलीगढ़ में हैं। विशेष सूत्रों की मानें तो राजभवन ने कहा लिफाफा कुलपति के हाथों में ही सौंपना है। वह जहां पर भी हों वहां जाकर उनके हाथ में लिफाफा रिसीव कराया जाए। इसके बाद कर्मचारी कुलपति के अलीगढ़ स्थित आवास पर पहुंचा और उन्हें लिफाफा रिसीव कराया।
लिफाफे के अंदर ऐसा क्या है कि राजभवन से कर्मचारी उसे स्वयं लेकर आया। वहीं अलीगढ़ तक वह गया। यह जानने के लिए सभी उतावले हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कुलपति को हटाए जाने की प्रक्रिया राजभवन ने शुरू कर दी है। इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो अब समय ही बताएगा।