आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उस समय सभी के होश उड़ गए जब कुलाधिपति ने यहां पर हो रहे फर्जीवाड़े पर फटकार लगाई। कुलाधिपति ने अपने भाषण में कहा कि विश्वविद्यालय ने पांच इमारतों का उदघाटन किया है लेकिन क्वालिटी एजुकेशन के लिए क्या प्रयास किए यह नहीं बताया। उन्होंने कहा कि अध्यापकों की पदोन्नति में गड़बड़ियां की गईं हैं। विवि में वित्तीय अनियमितताएं हो रही हैं। ढाई साल में ऐसी 300 फाइल देखकर वह थक गई हैं। जिसने गड़बड़ी की है उसे सजा मिलेगी, जिसके आखिरी साइन फाइल पर होंगे उसकी जवाबदेही होगी।
अपने भाषण में उन्होंने शिक्षकों की जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि कुलपति के भरोसे नहीं रहें। स्वयं भी अपनी जिम्मेदारी समझें। जितने भी शिक्षक यहां कार्यरत हैं विवि की छवि सुधारने की उन सभी की जिम्मेदारी है। शिक्षक लेक्चर लेकर घर ना चले जाएं। कुलाधिपति ने कुलपति से कहा कि शिक्षकों की समिति बनाकर उन्हें कई जिम्मेदारियां दें।
वहीं उन्होंने यह भी कहा कि लाखों डिग्रियां कैसे पेंडिंग पड़ी हुई हैं। फर्जी डिग्रियां पाई गईं। 5000 फर्जी डिग्रियों का मामला हाईकोर्ट में चला। क्या उसकी जिम्मेदारी हम पर नहीं है? सभी प्रण लें कि एक भी डिग्री फर्जी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पहली नौकरी से लेकर अब तक 30-30 साल से शिक्षक बने हुए हैं लेकिन कोई बदलाव नहीं ला पाए। विश्वविद्यालय के भले के लिए कोई काम नहीं किया। एनआईआर रैंकिंग में कॉलेज पीछे हैं। हर विश्वविद्यालय से 800-900 कॉलेज जुड़े हैं लेकिन नैक की रैंकिंग में दो या तीन ही आ रहे हैं। समारोह खत्म होने के बाद भी कुलाधिपति ने करीब
सांसद से पूछा आप क्लास लेते हो या नहीं?
आगरा। समारोह खत्म होने के बाद कुलाधिपति ने शिक्षकों व अधिकारियों के साथ आईटी में बातचीत की। एक-एक शिक्षक से नाम पूछा और उनका काम पूछा। इसमें सांसद से भी पूछ लिया कि क्लास लेते हो या नहीं? इस पर उन्होंने कहा कि जी मैडम, लेता हूं। इस पर वहां बैठे सभी शिक्षक अंदर ही अंदर मुस्करा गए। क्यों कि वह सच्चाई जानते थे।
कुलाधिपति ने शिक्षकों से पूछा कि आप ही बताइए कैसे इस विवि में सुधार हो सकता है। कहां कमियां दुरुस्त करने की आवश्यकता है। एक शिक्षक ने कहा कि मैडम अगर मेरे कुछ कहने पर बाद में कोई नुकसान नहीं हो तो मैं अपनी बात कहूं। कुलाधिपति ने कहा कहिए। शिक्षक ने कहा कि विवि में एससी-एसटी शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जाता है। इस पर एक प्रोफेसर खड़े गए और उन्होंने कहा कि यहां कोई भेदभाव नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि ओबीसी और एससी के यहां कई शिक्षक बैठे हुए हैं। सभी को जिम्मेदारी मिल रही हैं। प्रोफेसर ने एक-एक कर सभी के नाम बताए। इसके बाद एक प्रोफेसर ने कहा कि जब से सेल्फ फाइनेंस कॉलेज बनना शुरू हुए हैं तब से अनियमितताएं फैलना शुरू हुई हैं। वहीं एक प्रोफेसर ने कहा कि पहले सेंटर निर्धारण में धांधली होती थी। अब कुलपति सॉफ्टवेयर बनवा रहे हैं। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि कुलपति के नेतृत्व में 20 यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर अंतर्राष्टÑीय सम्मेलन कराया। एक अन्य प्रोफेसर ने कहा कि विवि में 350 कर्मचारी हैं। लेकिन वह काम नहीं करना चाहते हैं। एक प्रोफेसर जो पूर्व कुलपति प्रो. मित्तल के खास थे और उन्हें सभी समिति में रखा गया था। वह बोले कि विवि में शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा प्रशासनिक काम भी दिया जाता है। इससे रिसर्च बाधित होती है। इनके यह कहने पर भी कई शिक्षक अंदर ही अंदर मुस्करा गए और आपस में बोले अपनी नहीं बता रहे। पूर्व कुलपति के समय सबसे ज्यादा कमेटियों में रहे हैं। अब जब दाल नहीं गल रही तो बात बना रहे हैं। कुलाधिपति ने सभी से कहा कि आप सभी मिलकर यहां की छवि में सुधार कीजिए। वह वर्तमान कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय द्वारा की जा रही मेहनत से खुश भी नजर आर्ईं।