कीव। रूस ने यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए दो जगहों मारियोपोल और वोल्वोनोखा में सीजफायर और ग्रीन कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया गया है। भारतीयों को निकालने की दिशा में अब यह बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। यह सीजफायर भारतीय समयानुसार 11.30 बजे से लागू हो गया है। हालांकि इन दोनों ही इलाकों में भारतीयों की संख्या बहुत कम है, फिर भी शांति की दिशा में इसे एक बढा हुआ कदम माना जाता है। माना जा रहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच दूसरे दौर की बातचीत के बाद इस कॉरिडोर को बनाने पर सहमति बनी है। पीएम मोदी अब तक दो बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इस संबंध में बातचीत कर चुके हैं। भारत ने यूक्रेन और रूस से मांग की थी कि वे हमारे नागरिकों को निकलने का मौका दें और सीजफायर का ऐलान करें। अभी भी बड़ी संख्या में भारतीय रूस से सटे यूक्रेन के इलाकों में फंसे हैं जहां उन्हें तत्काल मदद की जरूरत है।
रूस ने ऐलान किया है कि यह सीजफायर 11.30 बजे से शुरू होगा जो मानवीय आधार पर किया गया है ताकि आम नागरिकों को निकलने का मौका दिया जा सके। रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि आज (5 मार्च को) मास्को के समयानुसार 10 बजे सुबह से रूसी पक्ष एक सीजफायर करने जा रहा है। रूस मारियोपोल और वोल्वोनोखा में मानवीय कॉरिडोर खोलने जा रहा है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस मानवीय कॉरिडोर और सीजफायर पर यूक्रेन के पक्ष ने भी सहमति जताई है। इससे पहले रूस ने यूक्रेन के नागरिकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने विभिन्न शहरों में 3,700 से अधिक भारतीय नागरिकों को जबरन बंधक बनाकर रखा है। रूस ने यह भी कहा कि उसकी सेना विदेशी नागरिकों की शांतिपूर्ण निकासी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
रूसी स्थायी प्रतिनिधि वासिली नेबेंजिया ने कहा कि यूक्रेन में कट्टरपंथियों और चरमपंथियों को पश्चिमी देशों का संरक्षण हासिल है। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रवादियों द्वारा जबरन बंधक बनाए जा रहे विदेशी नागरिकों की संख्या चौंकाने वाली है। खारकीव में भारत के 3,189 नागरिक, वियतनाम के 2,700 नागरिक, चीन के 202 नागरिक इसमें शामिल हैं। सूमी में 576 भारतीय नागरिक, 101 घाना के नागरिक और 121 चीनी नागरिक शामिल हैं।